MP Land Registry :बड़ी खबर मध्य प्रदेश सरकार ने जमीन खरीदी को लेकर बदला नियम

MP Land Registry : यदि आप भी एमपी के निवासी हैं तो यह खबर आपके लिए सबसे खास साबित हो सकती है जिसमे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी पहली ही कैबिनेट में यह अधिकारियों को क्लियर कर दिए हैं कि अब यह सुशासन शब्द मात्र कहने की नहीं होने चाहिए।उसमे चरितार्थ भी दिखने चाहिए। और इसमे आपको बता दें कि उसी के साथ में यह मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने भ्रष्टाचार पर भी सबसे बड़ा प्रहार कीया हैं। और इसमे जायदाद(MP Land Registry) के नाम पर होने वाले सभी धोखाधड़ी को रोकने के लिए यह जमीन खरीद को लेकर के नए नियम भी लागू किए गए हैं।

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आपको बता दे कि अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने जमीन की रजिस्ट्री के साथ मे यह नामांतरण की प्रकिया को भी हरी झंडी दिखा दी हैं। जिसमे बताया गया है की यह जुलाई 2024 से नियमों में भी बदलाव हो गए हैं। जैसा ही नागरिक रजिस्ट्रेशन करवाएंगे और इसके साथ ही अपने आप जमीन या भूमि का नामांतरण हो जाएंगे।

MP Land Registry : मध्य प्रदेश सरकार ने जमीन खरीदी को लेकर बदला नियम

आपको बता दे कि अब रजिस्ट्री करने के बाद मे यह 15 दिन के अपने आप नामांतरण भी हो जाएंगे। वही अभी तक के लोगों का नामांतरण करने के लिए अलग से भटकने पड़ता था लेकिन अब यह रजिस्ट्री करवाने के बाद मे यह नामांतरण में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की मुसीबत को नहीं झेलना इससे लोगों को इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा और अब दफ्तरों की चक्कर भी नहीं काटने पड़ेगे।

MP Land Registry: किसानों को मिलेगा इसका लाभ

बता दे कि तहसीलदार नरेश शर्मा ने चर्चा में बताएं है कि यह साइबर तहसील पूर्णत: कंप्यूटर से स्वचालित होगा । यह ऐसे में इस प्रक्रिया से (MP Land Registry)किसानों को लाभ मिलेगा जैसा ही लोग रजिस्ट्री को करवाएंगे तो उसमे 15 दिन के बाद मे स्वत: ही नामांतरण भी हो जाएंगे।

MP Land Registry: ऐसा होगी जमीन खरीदने की नई प्रकिया

यह मध्य प्रदेश की सरकार के सभी 55 जिलों में साइबर तहसील बनाएगी जिसमे बता देंगे पूरा काम ऑनलाइन तरीके से होंगे। और इसमे जुलाई 2024 से साइबर तहसील भी सक्रीय हो जाएंगे।

जुलाई महीने में पूरे प्रदेश मे होंगे साइबर तहसील उपलब्ध

बता दे कि यह साइबर तहसील की परियोजना प्रदेश के 12 जिलों इंदौर और सागर डिंडोरी हरदा ग्वालियर और यह आगर मालवा श्योपुर , बैतूल, विदिशा और यह दतिया, सीहोर और उमरिया में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह काम को कर रहे थे जो की जुलाई महीने में पूरे प्रदेश में लागू हो जाएंगे

चार सिस्टम करेंगे एक साथ काम

तहसीलदार नरेश शर्मा ने बताया कि तहसील के द्वारा यह ई – रजिस्ट्री, भू- संपदा, आरसीएमएस और लैंड रिकॉर्ड के सॉफ्टवेयर को मिलाकर के सिंगल सिस्टम बनाए जाते हैं और उसके बाद मे यह कृषि भूमि की रजिस्ट्री के बाद मे अपने आप या रजिस्ट्रेशन हो जाएंगे।

 


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