NCERT guidelines : स्कूली बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ अनुभव भी देने के लिए सरकार ने एक गाइडलाइन जारी की है. जिसमें छठवीं से आठवीं तक के बच्चों को बढ़ई, माली, कुम्हार जैसे पेशेवर लोगों के साथ कुछ दिन इंटर्नशिप करनी होगी.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!NCERT Guidelines : स्कूलों में पढ़ाई को अधिक आनंददायक, तनावमुक्त और अनुभव देने वाला बनाने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. कक्षा छठवीं से आठवीं तक के बच्चे 10 दिन बिना बैग पढ़ाई करेंगे. इसको लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक गाइडलाइन जारी की है. जिसे एनसीईआरटी की एक इकाई पीएसएस केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान ने तैयार किया है. दरअसल महीने में दस दिन बस्ता रहित पढ़ाई की सिफारिश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में की गई है. जिसे लागू करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
गाइडलाइन में कहा गया है कि 10 दिन बिना बैग की पढ़ाई के पीछे का विचार बच्चों को टीचिंग-लर्निंग प्रोसेस का अभिन्न हिस्सा बनाना है. यह न सिर्फ किताबी ज्ञान और ज्ञान के उपयोग के बीच की सीमाओं को कम करेगा, बल्कि बच्चों का कार्य क्षेत्र के लिए जरूरी स्किल से भी परिचय कराएगा. जिससे उन्हें आगे करियर तय करने में मदद मिलेगी.
प्रत्येक छात्र सीखेगा एक स्किल|Every student will learn a skill
गाइडलाइन में कहा गया है कि छठवीं से आठवीं तक की कक्षा में पढ़ने वाला प्रत्येक छात्र एक मजेदार कोर्स करेगा. जिसमें राज्यों और स्थानीय समुदायों द्वारा लोकल स्किल के रूप में पहचाना गया होगा. इसमें बढ़ईगिरी, बिजली का काम, धातु का काम, बागवानी, मिट्टी के बर्तन बनाना आदि शामिल है. मंत्रालय ने कहा है कि छात्र कक्षा छह से आठवीं के दौरान किसी भी समय 10 दिवसीय बैगलेस पीरियड में भाग लेंगे. इस दौरान वे बढ़ई, माली, कुम्हार आदि जैसे स्थानीय व्यावसायिक विशेषज्ञों के साथ इंटर्नशिप करेंगे.
एनसीईआरटी ने दिए हैं ये भी सुझाव|NCERT has also given these suggestions
एनसीईआरटी ने बैगलेस पीरियड के दौरान छात्रों के लिए जिन कार्यों को शामिल किया है, उसमें सब्जी मंडियों का दौरा और सर्वेक्षण, चैरिटी विजिट, पालतू जानवरों की देखभाल पर सर्वेक्षण और रिपोर्ट लिखना, डूडलिंग, पतंग बनाना और उड़ाना, पुस्तक मेला आयोजित करना, बरगद के नीचे बैठना, बायोगैस संयंत्र और सौर ऊर्जा पार्क का दौरा करना शामिल है.
credit and source- news18.com
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